चौंकाने वाला कदम: BJP ने J&K चुनाव के लिए जारी लिस्ट क्यों ली वापस?

Spread the love

बीजेपी ने पहली लिस्ट में 16 नाम ही फाइनल किए. पहले चरण में घाटी में चुनाव हो रहे हैं और इनमें ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाके हैं. बीजेपी के लिए असली चुनौती है जम्मू का इलाका, जहां 43 सीटें हैं.

चौंकाने वाला कदम: BJP ने J&K चुनाव के लिए जारी लिस्ट क्यों ली वापस?

नई दिल्ली: 10 साल बाद और अनुच्छेद 370 तथा 35ए हटाए जाने के बाद बदले परिवेश में जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में लंबे मंथन के बाद पार्टी ने सोमवार सुबह 44 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे वापस ले लिया गया और उसकी जगह पर नई लिस्ट में सिर्फ 15 प्रत्याशियों के नाम थे. इसके बाद सवाल उठने लगे कि बीजेपी ने आखिर ऐसा क्यों किया?

जम्मू-कश्मीर सूत्रों से बाद में ये खबर आयी कि पहली लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी के अंदर टिकट को लेकर असंतोष और खींचतान और बढ़ गई. इसी वजह से पार्टी ने पहली लिस्ट जारी करने के बाद वापस ले ली.

बीजेपी की पहली लिस्ट में 44 नाम शामिल थे, लेकिन उसे वापस ले लिया गया, फिर इसे छोटी कर सिर्फ 15 नाम रखे गए. कुछ देर बाद एक और लिस्ट जारी की गई. इसमें भी एक नाम रखा गया, यानी 44 की जगह 16 नाम रह गए. तो ऐसे में ये सवाल उठने लगा कि वो 28 नाम कहां गए?
 

बीजेपी के सामने आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि उसे आनन-फानन में अपनी लिस्ट को वापस लेना पड़ा?

जैसे ही बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की और ये लिस्ट पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच पहुंची, विवाद शुरू हो गया. बीजेपी के नाराज कार्यकर्ता जम्मू में पार्टी दफ्तर पहुंचने लगे और अपने नेताओं के लिए टिकट की मांग करने लगे.

पहली लिस्ट में कई बड़े नाम नहीं

पहली लिस्ट में बीजेपी के प्रमुख चेहरे ही गायब थे. पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता, डॉक्टर निर्मल सिंह की कठुआ सीट से किसी और को टिकट दे दिया गया. 2014 में प्रेसिडेंट रहे सत शर्मा का नाम भी नदारद था. आज के प्रेसिडेंट रविंदर रैना का भी नौशेरा सीट पर नाम नहीं था. शायद लीस्ट को लेकर नाराजगी थी, इसलिए वापस लेना पड़ा. अब उन्हीं सीटों के नाम हैं, जहां मंगलवार को नामांकन भरने का आखिरी दिन है.

पिछली बार जब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब 5 चरणों में हुए थे, लेकिन इस बार वहां तीन फेज में ही मतदान होगा. इससे पता चलता है कि सूबे में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है और लोकतंत्र में जनता की आस्था बढ़ रही है.
 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट चौंकाने वाली कही जा रही है. विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के कारण कई पुरानी सीटें अब अस्तित्व में नहीं हैं. यही वजह है कि पार्टी को नए समीकरण के हिसाब से उम्मीदवारों का चयन करना पड़ा है.

बीजेपी उम्मीदवारों की जारी लिस्ट :

  • पाम्पोर – सैयद शौकत गयूर अंद्राबी
  • राजपोरा – अर्शीद भट्ट
  • शोपियां – जावेद अहमद कादरी
  • अनंतनाग पश्चिम – मोहम्मद रफीक वानी
  • अनंतनाग – सैयद वजाहत
  • श्रीगुफवाडा बिजबेहरा – सोफी यूसुफ
  • शानगुस अनंतनाग पूर्व – वीर सराफ
  • इन्दरवल – तारिक कीन
  • किश्तवाड़ – शगुन परिहार
  • पाडेर नागसेनी – सुनील शर्मा
  • भदरवाह – दलीप सिंह परिहार
  • डोडा – गजय सिंह राणा
  • डोडा पश्चिम – शक्ति राज परिहार
  • रामबाण – राकेश ठाकुर
  • बनिहाल – सलीम भट्ट 
  • कोकरनाग – रोशन हुसैन गुज्जर

बीजेपी की ये लिस्ट दो किस्त में जारी की गई. पहले 15 उम्मीदवारों की लिस्ट आई और उसके बाद 1 उम्मीदवार का नाम जारी किया गया, लेकिन इससे पहले सुबह-सुबह जब 44 नामों वाली पहली लिस्ट जारी की गई, उसमें आखिर क्या गड़बड़ी रह गई. ये सवाल इसलिए भी जरूरी हो जाता है क्योंकि आम तौर पर बीजेपी के बारे में धारणा है कि वहां फैसले बदले नहीं जाते.

 
खबरों के मुताबिक, सबसे ज्यादा नाराजगी जाट और ओबीसी कम्युनिटी में है. ओबीसी और जाट कम्युनिटी के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया. जम्मू जहां बीजेपी का जनाधार है, वहां 8 से 10 सीटें ऐसी हैं. जहां जाट और ओबीसी बहुत निर्णायक होते हैं. इसकी वजह से तुरंत रिएक्शन हुआ जो पार्टी हाईकमान तक पहुंच गया और लिस्ट को होल्ड कर दिया गया.
 

आखिर में बीजेपी ने पहली लिस्ट में 16 नाम ही फाइनल किए. पहले चरण में घाटी में चुनाव हो रहे हैं और इनमें ज्यादातर मुस्लिम बहुल इलाके हैं. बीजेपी के लिए असली चुनौती है जम्मू का इलाका, जहां 43 सीटें हैं. लोकसभा चुनाव के हिसाब से इनमें से 29 में बीजेपी को बढ़त है, लेकिन 2014 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जम्मू क्षेत्र में 25 सीटें जीती थीं.

वहीं बीजेपी के लिए चिंता की बात ये भी है कि लोकसभा चुनाव में उसका वोट परसेंटेज ऊधमपुर में 31 से घटकर 11 परसेंटेज हो गया. वहीं जम्मू में 25 से घटकर 10 परसेंट हो गया. पार्टी इस चुनाव में वापस इसे बढ़ाना चाहेगी.

जम्‍मू-कश्‍मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं. मतदान 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्‍टूबर को होगा. वहीं मतगणना 4 अक्टूबर को होगी.

जम्मू कश्मीर चुनाव : बदलते सूबे में बदलती सियासत; वंशवाद कहां से कहां तक, नए दल बनाएंगे नए समीकरण

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version