Vinesh Phogat, Paris Olympics 2024: विनेश फोगाट भारत के लिए कुश्ती में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला पहलवान है. भारत को अभी तक ओलंपिक में कुश्ती में गोल्ड मेडल नहीं मिला है, ऐसे में विनेश के पास इतिहास रचने का बड़ा मौका है.
सेमीफाइनल मैच के दौरान एक्शन में विनेश फोगाट (फोटो: पीटीआई)
पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती के सेमीफाइनल मैच में क्यूबा की युसनेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 हराकर ना सिर्फ इतिहास रच दिया बल्कि उन्होंने भारत के लि एक पदक भी पक्का किया. विनेश ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं. इससे पहले विनेश ने मंगलवार दिन में ओलंपिक खेलों में बड़ा उलटफेर किया था और मौजूदा चैम्पियन युई सुसाकी को हराया था. विनेश ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी.
ऐसा रहा सेमीफाइनल का रोमांच
विनेश के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में लोपेज ने शुरुआती पीरियड में विनेश के पैर पर पकड़ बनाने की कोशिश की लेकिन मजबूत डिफेंसिव खेल के चलते भारतीय पहलवान को एक अंक की बढ़त बनाने की मौका मिल गया. शुरुआती पीरियड में बढ़त बनाने के बाद विनेश ने दूसरे पीरियड में आक्रामक शुरुआत की और प्रतिद्वंद्वी पहलवान के दायें पैर पर मजबूत पकड़ के साथ 5-0 की बढ़त बना ली. इसके बाद क्यूबा की पहलवान ने विनेश पर पकड़ बनाने की कोशिश की लेकिन विनेश के शानदार डिफेंस के आगे उनका प्रयास विफल रहा और आखिरी में विनेश ने 5-0 से जीत दर्ज की.
विनेश ने रचा इतिहास
विनेश ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला हैं. विनेश से पहले सुशील कुमार और रवि दाहिया कुश्ती के फाइनल में अपनी जगह बनाने में सफल हुए हैं. हालांकि, दोनों को रजत से संतोष करना पड़ा था. ऐसे में विनेश के पास भारत को कुश्ती में पहला स्वर्ण दिलाने का अहम मौका है. भारत के पास कुश्ती में अभी तक कुल सात ओलंपिक पदक हैं, जिनमें दो रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं. ओलंपिक में हॉकी के बाद भारत को सबसे अधिक पदक कुश्ती से ही आए हैं.
अभी तक इन्होंने जीते हैं ओलंपिक मेडल
बात अगर कुश्ती की करें तो भारत को सबसे पहला पदक केडी जाधव ने दिलाया था, जिन्होंने 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में मेंस फ्रीस्टाइल 57 किग्रा में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. इसके बाद कुश्ती में भारत को दूसरा पदक सुशील कुमार ने दिलाया, जिन्होंने बीजिंग में 2008 में मेंस फ्रीस्टाइल 66 किग्रा में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता था. सुशील कुमार ने इसके बाद जबरदस्त वापसी की थी और उन्होंने लंदन 2012 ओलंपिक में मेंस फ्रीस्टाइल की 66 किग्रा में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था.
जहां सुशील कुमार 2012 में रजत पदक जीतने में सफल रहे थे, तो वहीं इसी ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने मेंस फ्रीस्टाइल 60 किग्रा में ब्रॉन्ज़ मेडल भारत को दिलाया था. इसके बाद भारत को अगल पदक साक्षी मलिक ने दिलाया था, जिन्होंने 2016 में हुए रियो ओलंपिक में महिलाओं की फ्रीस्टाइल 58 किग्रा में ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया था.
वहीं टोक्यो ओलंपिक में भारत को कुश्ती में दो मेडल मिले थे. टोक्यो ओलंपिक में रवि कुमार दहिया ने भारत को मेंस फ्रीस्टाइल 57 किग्रा में सिल्वर मेडल दिलाया था तो बजरंग पुनिया ने मेंस फ्रीस्टाइल 65 किग्रा में ब्रॉन्ज़ मेडल दिलाया था.