Ind vs Ban 1st Test: इस समय और इस सीरीज में रविचंद्नन अश्विन  तोड़ देंगे कुंबले का रिकॉर्ड, आप पूरा गणित समझें

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रविचंद्नन अश्विन: बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 6 विकेट चटकाने के बाद अब फैंस ने उनसे कुंबले के रिकॉर्ड तोड़ने की उम्मीद लगा लगी है

रविचंद्नन अश्विन

नई दिल्ली: बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई में रविवार को टीम इंडिया को मिली सुपर से ऊपर जीत में ऑफ स्पिनर रविचंद्नन अश्विन (Ravichandran Ashwin) की परफॉरमेंस के बारे में भी कुछ ऐसा ही कहा जा सकता है. पहली पारी में 6 विकेट 144 रन पर गिरने के बाद इस ऑफ स्पिनर ने शतक जड़कर दिखाया कि दुनिया अब मान ले कि वह ऑलराउंडर हैं. वहीं, पहली पारी में विकेटों का सूखा रहा, तो उन्होंने दूसरी पारी में छह विकेट चटकाकर हिसाब बराबर कर दिया. 

पहले टेस्ट की समाप्ति के बाद अब रविचंद्नन अश्विन  के कुल मिलाकर 101 टेस्ट मैचों में 522 विकेट हो गए हैं, तो अब एक नई चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि क्या अश्विन अनिल कुंबले का रिकॉर्ड  तोड़ सकते हैं. कुंबले के अलावा पांच सौ विकेट लेने वाले अश्विन सिर्फ दूसरे भारतीय हैं. कुंबले के खाते में कुल मिलाकर 619 विकेट जमा हैं. 

करियर के 22वें टेस्ट में कुंबले से आगे हुए अश्विन

अगर दोनों खिलाड़ियों के करियर के शुरुआती 20 टेस्ट की बात करें, तो अश्विन और कुंबले के विकेट चटकाने की गति लगभग समान रही. इस स्टेज तक जहां कुंबले ने 108 विकेट चटकाए थे, तो अश्विन के 107 विकेट थे. 22वें टेस्ट के बाद रविचंद्नन अश्विन  ने कुंबले पर 1 विकेट की बढ़त बना ली थी. इस स्टेज पर अश्विन के 109, तो कुंबले के 108 विकेट थे. 

अश्विन की गति की यह बड़ी वजह है!
 

दो राय नहीं कि अगर हालिया सालों में रविचंद्नन अश्विन  के विकेट चटकाने की गति एकदम से परवान चढ़ी, तो उसकी सबसे बड़ी वजह पिछले दशक में भारत का स्पिनरों के कहीं ज्यादा मददगार पिचें तैयार करवाना रहा है. वहीं, कुंबले ने टीम इंडिया को पाटा पिचों पर जीत दिलाई थीं. इसके अलावा कुंबले ने विदेशी पिचों पर अश्विन की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है

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पचास टेस्ट के बाद रविचंद्नन अश्विन  ने ली बड़ी बढ़त

ऊपर बताए गए कारणों और टेस्ट मैचों के ज्यादा आयोजन होना भी एक कारण रहा कि अश्विन ने 50 टेस्ट मैच खेलने तक अनिल कुंबले के मुकाबले खासी बढ़त हासिल कर ली. अपने करियर में 50वें टेस्ट तक कुंबले के विकेटों की संख्या 220 थी, जबकि अश्विन के 279 विकेट हो गए. करियर के 75वें टेस्ट तक विकेटों का अंतर चालीस रह गया, लेकिन अभी भी कुंबले (346) के मुकाबले अश्विन (386) आगे थे. बहरहाल, अगर 101 टेस्ट की बात करें, तो इस स्टेज पर कुंबले के 487 विकेट थे, तो अश्विन के विकेटों की संख्या 522 हो चुकी है. 

इस गणित से तोड़ सकते हैं कुंबले का रिकॉर्ड

फिलहाल इस स्टेज (बांग्लादेश के खिलाफ पहला टेस्ट) तक अश्विन के प्रति टेस्ट मैच में विकेट चटकाने की दर 5.17 है. इस हिसाब से रविचंद्रन अश्विन अपने 120वें टेस्ट मैच यानी अगले 19 टेस्ट मैचों में जंबो का रिकॉर्ड तोड़ देंगे. भारत के आगे के कार्यक्रम की बात करें, तो इस कैलेंडर ईयर में यहां से भारत को 9 टेस्ट मैच खेलने हैं. एक टेस्ट बांग्लादेश, तीन टेस्ट न्यूजीलैंड के खिलाफ और फिर पांच टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाकी हैं. 

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इस सीरीज और इस समय बनेंगे भारत के नंबर-1 गेंदबाज!

आईसीसी के फ्यूचर टूर प्रोग्राम के अनुसार इसके बाद टीम इंडिया विंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो-दो टेस्ट की दो घरेलू सीरीज खेलेगी. जाहिर है कि घरेलू मैच होने के कारण अश्विन के विकेट गति और ऊपर जाएगी. जून में भारत  इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट की सीरीज उसकी धरती पर खेलेगा.इस साल का समापन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू दो टेस्ट सीरीज से होगा. कुल मिलाकर नवंबर 2025 तक भारतीय टीम 18 टेस्ट मैच और खेलेगी. और अगर अश्विन को टीम प्रबंधन इन सभी 18 टेस्ट मैचों का हिस्सा बनाता है, तो वह 2025 के आखिर तक कुंबले का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं. 

वहीं, अश्विन अभी 39वें साल में चल रहे हैं. ऐसे में अगर वह अगले दो या तीन साल तक भी खेलते हैं, तो भी उनके पास कुंबले का रिकॉर्ड तोडने के लिए पर्याप्त समय होगा. यहां प्वाइंट यही होगा कि वह खुद को कितना फिट रखते हैं.

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